मोरनियाँ
मोर के रंगों को धारण कर,
मोरनियां बन जाती हैं चोरनियां
चोरनियां...........दिल चोरनियांकैसे हो जाती हैं
दिल-चोरनियां..........मोरनियां ?
– मटमैली एकदम सादी-सी मोरनियां
होती हैं साधारण
मैंने
पहले भी कहा था
सुंदर नहीं होती हैं मोरनियां
फिर भी ... किस क़दर दिल चोरनियां !
के रंगों में धीरे-धीरे
रिम-झिम, रिम-झिम सराबोर हो जाना – आद्यंत – सरापा
उनकी नीली-हरी गरदनों की लचक में
झूम-झूम झूमना
रिम-झिम, रिम-झिम ......टे हें ओ ..... टे हें ओ ......
यही तो है, मोर के रंगों को धारण करना !
मोर –पाखी आँखों में झिल-मिल....झिल-मिल...मिलना
झिप-झिप झिप-झिप......
चुप-चुप …… …… चुप-चुप
बनती है चोरनियां........ये मोरनियां
मयूर-रंग में पगी.......... ये मोरनियां .....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें